कई सदियों पहले से लोगों को दी जा रहा शिक्षा। क्यों ना वो किसी भी प्रकार से हो शिक्षा ही कहा जाता हैं।
वर्तमान समय में शिक्षा की दशा और दिशा ही अलग हैं। कई मायने में यह हमें लोगों से अलग और अच्छा व्यक्ति बनाता हैं। वहीं कई मायने में हमें लोगों से बांटता हैं।
पहले की शिक्षा जीने की कला अनुशासन और गुणवान बनना सिखाया करती थी। लेकिन अब की शिक्षा का महत्व और आकांक्षाएं समझ से बाहर हैं।
आप लोगों के लिए एक छोटा सा स्टोरी हैं। जिसे पढ़ने के बाद आप सब सोचिए कि शिक्षा और परीक्षा क्या हैं और क्यों जरूरी हैं।
रामबाई एक अधेड़ उम्र की महिला थी, जिनके 4 बेटे और 3 बेटियां थी।
रामबाई एक सीधी और दयालु स्वभाव की महिला थी उसके मन में जरा सा भी कपट और करुणा का भाव नहीं था।
रमेश घर का बड़ा बेटा हैं, जो हमेशा घर के काम में व्यस्त रहता हैं। उसके छोटे भाई का नौकरी शहर में होने की वजह से वो कभी कभी त्यौहार में गांव वापस आता हैं।