बस चलने वाला था, तभी अचानक से ब्रेक लगी मानो कुछ हुआ हैं। बस में सवार सभी यात्रियों की सांसे थम सी गई थी। बस का कंडक्टर नीचे उतरा और देख वह कुछ सोचने लगा उसके चेहरे पर एक परेशान भरा मायूसी था। फिर उसने जोर से आवाज लगाई चलो चलो कुछ भी नहीं हैं। तभी बस में सवार यात्रियों की सांस में सांस आई।
कुछ दूर आगे चलने पर सहसा मुझे कुछ अजीब सा अहसास हुआ। मैं अपने सीट से उठ कर खड़ा हो गया। मुझे लगा कोई तो हैं जो यहां पर बैठा हैं, या कुछ कहना पढ़ रहा हैं। कंडक्टर मेरी ओर बढ़ा और उसने चेक किया लेकिन वहां कुछ भी नहीं था। मैने भी सब तरफ देखा कुछ भी महसूस नहीं हुआ। बस में बैठे सभी यात्री मेरी ओर एक अजीब से नजरों से देखने लगे मानो में पागल हो गया हु या फिर मैने कुछ अजीब चीज देखी हो।
कंडक्टर ने फिर से आवाज लगाई चलो चलो कुछ नहीं हैं गाड़ी आगे बढ़ाओ बस फिर से चलना शुरु हुआ। मैं भी शांत से बैठ गया और अपने मोबाईल से गाना चलने लगा। तभी मेरे एक दोस्त का कॉल आया मैं उससे बातें करने लगा। तभी कुछ ऐसा हुआ मानो उस बस में कोई नहीं हैं सब गायब से हो गए हो। सिर्फ मैं अकेले सवार हूं, फिर एक अजीब सी आवाज मेरे कानों में गूंजी।
मैने पाया कि एक अधेड़ उम्र के बुजुर्ग की आवाज थी जो मुझे कुछ बताने वाली थी। तभी उनकी आवाज सुनते ही मैं सो गया और चारों ओर सन्नाटा सा छा गया कुछ अजीब सी रौशनी दिखी। उसके कुछ देर बाद मेरी आंख खुलते ही मैं अपने आप को कही और पाया। मानो में दूसरे जगह आ गया हु किसी और स्पेस में तभी एक लड़की की आवाज सुनाई दी जो मुझे बस में सुनाई दे रही थी।